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Sunday, August 15, 2010

स्वाधीनता दिवस

आज हमारा ६४वा स्वाधीनता दिवस है और मैं यह सोच रहा हूँ की काश मैं भी आज़ादी की लड़ाई लड़ पाता. उन महान शहीदो के साथ शाहिद होता, अपने देश के लिए कुछ करता. अंग्रेज़ो को बोलता " भारत हमारा है" यहाँ से चले जाओ. उनके दफ़्तरों मे बॉम्ब फेक्ता, गोलियाँ चलाता, जैल जाता और अंग्रेज़ो के मूह पे थुक्ता, उनकी लाठियाँ ख़ाता और फिर उठके बोलता वन्दे मातरम,वन्दे मातरम,वन्दे मातरम,वन्दे मातरम.

भारत माता की जै, भारत माता की जै, भारत माता की जै, भारत माता की जै, भारत माता की जै..

चन्द्रशेखर आज़ाद, राजगुरु, भगत सिंग के साथ अंग्रेज़ो को भगाने का शड्यन्त्र रचता, सुभाष चंद्र बोस के साथ आंदोलन छेरटा, महात्मा गाँधी के साथ दांडी मार्च करता. और जाने कितने ही नाम हैं जो मैं लेना चाहता हूँ जिन्होने अपने प्राणो की आहुति दे दी अपने देश की आज़ादी के लिए, हमारे आज़ादी के लिए, तुम्हारे आज़ादी के लिए.

उन महान योदद्धाओं को मेरा सलाम.

जै हिंद..